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Showing posts from April, 2017

हुमायूँ , Humayun (1508 – 1556)

हुमायूँ , Humayun (1508 –  1556) हुमायूँ एक महान मुगल शासक थे। प्रथम मुग़ल सम्राट बाबर के पुत्र नसीरुद्दीन हुमायूँ (६ मार्च १५०८ – २२ फरवरी, १५५६) थे।बाबर की मृत्यु के पश्चात हुमायूँ ने १५३० में भारत की राजगद्दी संभाली और उनके सौतेले भाई कामरान मिर्ज़ा ने काबुल और लाहौर का शासन ले लिया। बाबर ने मरने से पहले ही इस तरह से राज्य को बाँटा ताकि आगे चल कर दोनों भाइयों में लड़ाई न हो। कामरान आगे जाकर हुमायूँ के कड़े प्रतिद्वंदी बने। हुमायूँ का शासन अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तर भारत के हिस्सों पर १५३०-१५४० और फिर १५५५-१५५६ तक रहा। भारत में उन्होने शेरशाह सूरी से हार पायी। १० साल बाद, ईरान साम्राज्य की मदद से वे अपना शासन दोबारा पा सके। इस के साथ ही, मुग़ल दरबार की संस्कृति भी मध्य एशियन से इरानी होती चली गयी।हुमायूँ के बेटे का नाम जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर था।हुमायू की मृत्यु एक अचानक घटना की वजह से हुई थी वह सीढ़ियों से गिर पड़े थे. सैन्य इतिहास कालिंजर का आक्रमण (1531 ई.) कालिंजर पर आक्रमण हुमायूँ का पहला आक्रमण था। दौहरिया का युद्ध (1532 ई.) हुमायूँ की सेना एवं महमूद

7 Famous Tombs of India, भारत के अद्भुत 7 मकबरे

7 Famous Tombs of India, भारत के अद्भुत 7  मकबरे 1- Taj Mahal, Agra ताजमहल भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था।ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली, अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है। साधारणतया देखे गये संगमर्मर की सिल्लियों की बडी- बडी पर्तो से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमर्मर से ढंका है। केन्द्र में बना मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं। ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है, कि यह पूर्णतया सममितीय है। इसका निर्माण सन् १६४८ के लगभग पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जात

चेनानी -नाशरी, पटनीटॉप सुरंग , भारत की सबसे लम्बी सुरंग

चेनानी -नाशरी सुरंग जिसे पटनीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44   पर स्थित एक सड़क सुरंग है। इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ तथा उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को किया गया।यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 कि.मी . (5.8 मील) है। सुरंग बनाने पर  कुल भारतीय रुपया 3,720 करोड़   खर्च हुये। मुख्य सुरंग का व्यास 13 मीटर है, जबकि समानांतर निकासी सुरंग का व्यास 6 मीटर है। मुख्य और निकासी सुरंगों में  हर 300 मीटर की दूरी पर  29 स्थानों पर पार मार्ग बनाये गये हैं । यह देश की पहली पूर्ण रूप से एकीकृत सुरंग प्रणाली वाली सुरंग है।सुरंग की सहायता से जम्मू और श्रीनगर के मध्य दूरी 30.11 कि.मी . (18.7 मील) रह गयी और यात्रा समय में दो घण्टे की कटौती हो गयी।