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करंट अफेयर्स Year 2016 , Current Affairs 2016 in Short

करंट अफेयर्स 2016 , Current Affairs 2016 in Short January 2016 अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेसेडर नहीं रहेंगे आमिर खान, पर्यटन मंत्रालय ने करार खत्म  किया 7 जनवरी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का का निधन हो गया. अमिताभ कांत बने नीति आयोग के सीईओ जेंडर एजुकेशन को अनिवार्य करने वाला तेलंगाना पहला राज्य बना ( Book name is टूआर्ड्स ए वर्ल्ड ऑफ इक्वल्स) येल यूनिवर्सिटी की सबसे ‘दानवीर’ स्टूडेंट बनीं इंदिरा नूई भारत ने नेपाली वाहनों के लिए प्रवेश परमिट अनिवार्य किया सऊदी अरब ने ईरान से तोड़े रिश्ते उत्तर कोरिया ने किया शक्तिशाली हाइड्रोजन बम का परीक्षण ( जिससे 5.1 का भूकंप आ गया ) चीन ने ढहाई गई माओ की विशाल प्रतिमा पाकिस्तानी सिंगर अदनान सामी को मिली भारतीय नागरिकता सोनू निगम ने भारत का पहला ट्रांसजेंडर बैंड लॉन्च किया Golden Globes 2016: डिकैप्रियो को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब लॉस एंजेलिस में 73वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड का आयोजन किया गया. अभिनेत्री-सिंगर लेडी गागा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया. प्रियंका ने जीता ‘पीपल्स चॉइस अवॉर्ड’...

BHIM App , भीम एप , भारत इंटरफ़ेस फॉर मनी

BHIM App , भीम एप , भारत इंटरफ़ेस फॉर मनी भारत इंटरफेस फॉर मनी (Bharat Interface for Money – BHIM) केन्द्र सरकार द्वारा डिज़िटल भुगतान करने के लिए तैयार किया गया बिलकुल नया एप्लीकेशन है जिसे 30 दिसम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाँच किया। USSD-आधारित भुगतान में सक्षम इस एप्लीकेशन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके द्वारा किसी भी आम फोन से भुगतान करना संभव होगा। इस नए BHIM का नाम डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर रखा गया है। more.......

What is GST, Goods and Service Tax

जीएसटी क्या है वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भारत में अप्रत्यक्ष कराधान कराधान के एकल प्रणाली में मौजूदा करों के  विलय का एक प्रस्तावित प्रणाली है। संसद द्वारा  संविधान (101वा  संशोधन) अधिनियम 2016 के माध्यम से लाया गया | जीएसटी एक वैट है, जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा। मौजूदा दौर में वैट सिर्फ वस्तुओं पर लागू होता है। जीएसटी दो स्तरों पर लगेगा। एक केंद्रीय जीएसटी होगा, जबकि दूसरा राज्य का। इससे पूरा देश एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जीएसटी में समाहित हो जाएंगे।इससे पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें लगभग एक हो जाएंगी। मैन्युफैक्चरिंग लागत घटेगी, जिससे उपभोक्ताओं के लिए सामान सस्ता होगा। जीएसटी लागू होने से सबसे बड़ा फायदा............. more

मौर्य वंश , Maurya Empire

मौर्य राजवंश (३२२-१८५ ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली एवं महान राजवंश था। इसने १३७ वर्ष भारत में राज्य किया। ईसा पूर्व 326 में सिकन्दर की सेनाएँ पंजाब के विभिन्न राज्यों में विध्वंसक युद्धों में व्यस्त थीं। मध्यप्रदेश और बिहार में नंद वंश का राजा धननंद शासन कर रहा था। सिकन्दर के आक्रमण से देश के लिए संकट पैदा हो गया था। धननंद का सौभाग्य था कि वह इस आक्रमण से बच गया। यह कहना कठिन है कि देश की रक्षा का मौक़ा पड़ने पर नंद सम्राट यूनानियों को पीछे हटाने में समर्थ होता या नहीं। मगध के शासक के पास विशाल सेना अवश्य थी किन्तु जनता का सहयोग उसे प्राप्त नहीं था। प्रजा उसके अत्याचारों से पीड़ित थी। मौर्या वंश स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री कौटिल्य को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। मौर्य साम्राज्य के विस्तार एवं उसे शक्तिशाली बनाने का श्रेय सम्राट अशोक जाता है। शासकों की सूची चन्द्रगुप्त मौर्य 322 ईसा पूर्व- 298 ईसा पूर्व बिन्दुसार 297 ईसा पूर्व -272 ईसा पूर्व अशोक 273 ईसा पूर्व -232 ईसा पूर्व दशरथ मौर्य 232 ईसा पूर्व- 224 ईसा...

शिमला समझौता 2 जुलाई 1972, Shimla Agreement

शिमला समझौता 2 जुलाई 1972, Shimla Agreement 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच एक बड़ा युद्ध लड़ा जा चुका था, 93 हजार पाकिस्तानी फौजी भारत में युद्धबंदी थे और पाकिस्तान से टूट कर पूर्वी पाकिस्तान भी बंगलादेश बन गया था।विश्वास बहाली और कड़वाहट को कम करने के मकसद से इंदिरा और भुट्टो ने एक मंच पर आने का फैसला किया।भारत-पाकिस्तान के बीच शिखर-वार्ता 28 जून से 1 जुलाई तक तय की गयी। चार दिन तक चलने वाली इस वार्ता में सात दौर की वार्ता होनी थी। 28 जून को ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो अपनी बेटी बेनजीर भुट्टो के साथ वार्ता के लिए शिमला पहुंचे।पाकिस्तान द्वारा बंगलादेश को मान्यता, भारत-पाकिस्तान के राजनयिक संबंध, व्यापार, कश्मीर में नियंत्रण रेखा स्थापित करना और युद्धबंदियों की रिहाई जैसे मुद्दों पर बातचीत चलती रही। लेकिन कुछ मुद्दों पर एक राय नहीं बन पा रही थी। दोनों देशों के प्रतिनिधी और पत्रकार किसी समझौते की उम्मीद छोड़ चुके थे लेकिन अगले दिन फिर 2 जुलाई को दोनों पक्षों में बातचीत हुई। आखिरकार 2 और 3 जुलाई की रात 12 बजकर 40 मिनट पर दोनों देशों ने समझौता पर हस...

मुग़ल शासक , Mughal Periods

मुग़ल शासक , Mughal Periods नाम जन्म नाम जन्म राज्यकाल मृत्यु बाबर ज़हीरुद्दीन मुहम्मद 23 फ़रवरी 1483 30 अप्रैल 1526 – 26 दिसम्बर 1530 5 जनवरी 1531 (आयु 47) हुमायूँ नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ (पहला राज्यकाल) 17 मार्च 1508 26 दिसम्बर 1530 – 17 मई 1540 27 जनवरी 1556 (आयु 47) हुमायूँ के बाद शेर शाह सूरी तथा इस्लाम शाह सूरी  ने सं १५४० से १५५५ तक सूर वंश चलाया | हुमायूँ नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ (दूसरा राज्यकाल) 17 मार्च 1508 22 फ़रवरी 1555 – 27 जनवरी 1556 27 जनवरी 1556 (आयु 47) अकबर-ए-आज़म जलालुद्दीन मुहम्मद 14 अक्टूबर 1542 27 जनवरी 1556 – 27 अक्टूबर 1605 27 अक्टूबर 1605 (आयु 63) जहांगीर नूरुद्दीन मुहम्मद सलीम 20 सितम्बर 1569 15 अक्टूबर 1605 – 8 नवम्बर 1627 8 नवम्बर 1627 (आयु 58) शाह-जहाँ-ए-आज़म शहाबुद्दीन मुहम्मद ख़ुर्रम 5 जनवरी 1592 8 नवम्बर 1627 – 2 अगस्त 1658 22 जनवरी 1666 (आयु 74) अलामगीर मुइनुद्दीन मुहम्मद 4 नवम्बर 1618 31 जुलाई 1658 – 3 मार्च 1707 3 मार्च 1707 (आयु 88) बहादुर शाह क़ुतुबुद्...

सरदार भगत सिंह , Sardar Bhagat Singh

भगत सिंह (जन्म: सितम्बर १९०७)  मृत्यु: २३ मार्च १९३१ ) भारत के एक प्रमुख जाट स्वतंत्रता सेनानी थे। भगतसिंह ने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया, वह आज के युवकों के लिए एक बहुत बड़े आदर्श है। इन्होंने केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें २३ मार्च १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश ने उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया। पहले लाहौर में साण्डर्स-वध और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय असेम्बली में चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन सभी बम धमाको के लिए उन्होंने वीर सावरकर के क्रांतिदल अभिनव भारत की भी सहायता ली और इसी दल से बम बनाने के गुर सीखे। जन्म और परिवेश भगत सिंह का जन्म २७ सितंबर १९०७ को हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। यह एक सिख परिवार था | अमृतसर में १३ अप्रैल १९१९...