7 Famous Tombs of India, भारत के अद्भुत 7 मकबरे
1- Taj Mahal, Agra
ताजमहल भारत के आगरा शहर में स्थित एक
विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी
मुमताज़ महल की याद में करवाया था।ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट
नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के
घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर
स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली,
अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी
कला का रत्न भी घोषित किया गया है। साधारणतया देखे गये संगमर्मर की
सिल्लियों की बडी- बडी पर्तो से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर
इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमर्मर से ढंका है। केन्द्र में बना
मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं।
ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है, कि यह पूर्णतया सममितीय है।
इसका निर्माण सन् १६४८ के लगभग पूर्ण हुआ था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः
इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है।
2-Tomb of Mariam-uz-Zamani, Sikandra
मरियम का मकबरा आगरा-मथुरा सड़क पर बायीं
ओर तथा अकबर का मकबरा, सिकंदरा से पश्चिम की ओर स्थित है। इस मकबरे में
आमेर (जयपुर) की राजपूत राजकुमारी, बादशाह अकबर की बेगम तथा जहाॅंगीर
(सलीम) की माॅं मरियम जमानी के पार्थिव अवशेष हैं। 1495 ई. में सिकंदर लोदी
द्वारा बनवाया गया यह भवन एक उत्सव मण्डप था। इस बारादरी में 1623 ई. में
नवनिर्माण तथा पुननिर्माण कर इसे मकबरे में बदला गया। भूतल पर सिकंदर लोदी
द्वारा बनवाए गए लगभग 40 प्रकोष्ठ हैं जिनपर चित्रकारी तथा पलस्तर युक्त
दीवारों के जीर्ण-शीर्ण अवशेष हैं। भूतल के मध्य (केन्द्र) में मरियम की
समाधि है। बारादरी का अग्रभाग लाल बालुआ-पत्थर का पृष्ठावरण है जो कई
खण्डों में बॅंटा है तथा इन पर ज्यामितीय नमूने तथा निम्न उद्भृत ( ऐसी
निर्मितियाॅं जिनमें आकृति आधार पटल से कुछ उभरी हुई होती है) नक्काशी की
हुई है। इस संरचना के प्रत्येक कोनों पर अलंकृत अष्टफलकीय मीनार लगी हैं।
मीनार के ऊपर पतले स्तम्भों पर टिका एक मण्डप है। ऊपरी मंजिल पर खुले आकाश
के नीचे संगमरमर की समाधि है।
3-Bibi ka Maqbara, Aurangabad
बीबी के मकबरा का निर्माण मुगल बादशाह औरंग़ज़ेब के शहजा़दे आज़मशाह ने,
अंतिम सत्रहवीं शताब्दी में करवाया था। यह उसकी माता, एवं औरंगजेब की बेगम,
दिलरास बानो बेगम की याद में बनवाया गया था। यह ताजमहल की आकृति पर बनवाया
गया था। यह औरंगाबाद, महाराष्ट्र में स्थित है। यह मकबरा अकबर एवं शाहजहाँ
के काल के शाही निर्माण से अंतिम मुगलों के साधारण वास्तुकला के परिवर्तन
को दर्शाता है। ताजमहल से तुलना के कारण ही यह उपेक्षा का कारण बना रहा।
4-Humayun’s Tomb, Delhi
हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुगल
वास्तुकला से प्रेरित मकबरा स्मारक है। यह नई दिल्ली के दीनापनाह अर्थात्
पुराने किले के निकट निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा मार्ग के निकट
स्थित है। गुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी किले में हुआ करती थी और
नसीरुद्दीन (१२६८-१२८७) के पुत्र तत्कालीन सुल्तान केकूबाद की राजधानी हुआ
करती थी।इसमें हुमायूँ की कब्र सहित कई अन्य राजसी लोगों की भी कब्रें हैं।
यह समूह विश्व धरोहर घोषित है,। इस मक़बरे में वही चारबाग शैली है, जिसने
भविष्य में ताजमहल को जन्म दिया। यह मकबरा हुमायूँ की विधवा बेगम हमीदा
बानो बेगम के आदेशानुसार १५६२ में बना था।
5-Tomb of Itimad-ud-Daulah, Agra
एत्माद-उद-दौला का मकबरा यमुना नदी के
बांयी तट पर, चीनी का रोजा के बाद है। एत्माद-उद-दौला, साम्राज्य के खजाँची
तथा जहाँगीर के शासनकाल में वजीर के पद पर पदोन्नत साम्राज्ञी नूरजहाँ के
पिता-मिर्जा गियास बेग को दी गई उपाधि थी। नूरजहाँ ने अपने पिता के मकबरे
का निर्माण उनकी मृत्यु के लगभग 7 वर्ष बाद 1628 ई. में पूरा करवाया। यह
मकबरा चारबाग प्रणाली के एक बाग के मध्य बना है जो चारों ओर से ऊँची
दीवारों से घिरा हुआ खड़ा है। एक उठी हुई बलुआ-पत्थर के चबूतरे पर खडा यह
मकबरा श्वेत संगमरमर का बना हुआ है। इस स्मारक में एक समांतर चतुभुर्जीय
केन्द्रीय कक्ष है जिसमें वजीर तथा उनकी बेगम-अस्मत बेगम की कब्र है। इस
कक्ष के चारों तरफ छोटे-छोटे प्रकोष्ट हैं जिसमें नूरजहाँ तथा उनके पहले
पति शेर अफगान से उत्पन्न पुत्री-लाडली बेगम तथा परिवार के अन्य सदस्यों की
कब्रे है। बलुआ पत्थर की एक सीढी प्रथम तल पर जाती है, जहाँ केन्द्रीय
कक्ष के ऊपर के मण्डप में एक भव्य आयताकार गुम्बद है जिसके ऊपर दो कलश है।
यह मण्डप बिना किसी उत्कीर्ण के सादे संगमरमर की झँझरी है। इस भवन के ऊपरी
चारों कोनों पर लगभग 40 फीट ऊँची चार गोल मीनारें हैं जिसके ऊपर संगमरमर की
छतरियां है।
6-Tomb of Sher Shah Suri, Bihar
शेर शाह सूरी का मकबरा बिहार के सासाराम
में सस्थित है . अफगान वास्तु कला का उत्तम उदहारण है .The tomb is
regarded as one of the noblest specimens of Afghan architecture in
India. It is an imposing brick structure partly veneered with stone
standing in the middle of a fine square tank measuring about 305 mts and
rising above a large stone terrace. The 9.15 mts high terrace is
enclosed by a parapet wall with octagonal domed pavilions at four
corners.In the middle of the terrace stands the mausoleum proper on a
low octagonal plinth. The building consists of a very large octagonal
chamber surrounded by a 3.10 mts wide verandah. Each arm of the octagon
measures about 17.00 mts externally. Surrounding the main dome are eight
pillared cupolas on the corners of the octagon. The total height of the
tomb above the terrace measures 37.57 mts.
7-Hazira Maqbara Tomb, Gujarat
हजीरा मकबरा १५८६ में कुतुबुल्द्दीन मुहम्मद खान , जो कि सलीम, और अकबर के अन्य पुत्र का शिक्षक था , वड़ोदरा गुजरात में है |
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