Skip to main content

भाग 3: मूल अधिकार, Part 3 Fundamental Rights


अनुच्छेद 32 को डा अम्बेडकर ने संविधान की आत्मा कहा है |

12. परिभाषा–इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, ”राज्य” के अंतर्गत भारत की सरकार और संसद तथा राज्यों में से प्रत्येक राज्य की सरकार और विधान-मंडल तथा भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी हैं।
13. मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियाँ
समता का अधिकार(14 -18)
14. विधि के समक्ष समता
15. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
16. लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
17. अस्पृश्यता का अंत
18. उपाधियों का अंत 
स्वातंत्र्य-अधिकार(19-22)
19. वाक्‌-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण-,वाक्‌-स्वातंत्र्य और अभिव्यक्ति-स्वातंत्र्य का,शांतिपूर्वक और निरायुध सम्मेलन का,संगम या संघ बनाने का,भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र अबाध संचरण का
20. अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण–(1) कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए तब तक सिद्धदोष नहीं ठहराया जाएगा, जब तक कि उसने ऐसा कोई कार्य करने के समय, जो अपराध के रूप में आरोपित है, किसी प्रवृत्त विधि का अतिक्रमण नहीं किया है या उससे अधिक शास्ति का भागी नहीं होगा जो उस अपराध के किए जाने के समय प्रवृत्त विधि के अधीन अधिरोपित की जा सकती थी।
(2) किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक बार से अधिक अभियोजित और दंडित नहीं किया जाएगा।
(3) किसी अपराध के लिए अभियुक्त किसी व्यक्ति को स्वयं अपने विरुद्ध साक्षी होने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा
21. प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
21क. शिक्षा का अधिकार–राज्य, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले सभी बालकों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का ऐसी रीति में, जो राज्य विधि द्वारा, अवधारित करे, उपबंध करेगा। संविधान (छियासीवाँ संशोधन,86,2002) अधिनियम, 2002
22. कुछ दशाओं में गिरपतारी और निरोध से संरक्षण
शोषण के विरुद्ध ‍अधिकार
23. मानव के दुर्व्यापार और बलात्‌‌श्रम का प्रतिषेध
24. कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध–चौदह वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखाने या खान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जाएगा या किसी अन्य परिसंकटमय नियोजन में नहीं लगाया जाएगा।
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार(25-28)
25. अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता  बशर्ते  लोक व्यवस्था, सदाचार
26. धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
27. किसी भी व्यक्ति को ऐसे करों के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा जिसे किसी धर्म पोषण में व्यय किए जाते हैं।

28(1) राज्य-निधि से पूर्णतः पोषित किसी शिक्षा संस्था में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी।
28(2)उपरोक्त बात ऐसी शिक्षा संस्था को लागू नहीं होगी जिसका प्रशासन राज्य करता है किंतु जो किसी न्यास के अधीन है|

28(3) राज्य से मान्यता प्राप्त या राज्य-निधि से सहायता पाने वाली शिक्षा संस्था में  धार्मिक शिक्षा में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा ।
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार(29-30)
29. अल्पसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण, लेकिन भारत के संविधान में कही पर अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित नही किया गया है |
29(1). नागरिकों को अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का अधिकार होगा।
29(2). राज्य द्वारा पोषित या राज्य-निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षा संस्था में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या इनमें से किसी के आधार पर वंचित नहीं किया जाएगा।
30. शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गों का अधिकार
30(1) धर्म या भाषा पर आधारित शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार|
30(2) ऐसे  शिक्षा संस्थाओं को सहायता देने में राज्य इस आधार पर विभेद नहीं करेगा |
31. संपत्ति का अनिवार्य अर्जन। –संविधान (चवालीसवाँ संशोधन,44,1978) अधिनियम द्वारा निरसित।
सांविधानिक उपचारों का अधिकार
32. कुछ अधिकारों को प्रवर्तित कराने के  समुचित कार्यवाहियों द्वारा उच्चतम न्यायालय में समावेदन करने का अधिकार प्रत्याभूत किया जाता है यानि कि कुछ अधिकारों का उलंघन की स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय कुछ रिटे जारी कर सकता है |
32(2) उच्चतम न्यायालय को ऐसे निदेश या आदेश या रिट, जिनके अंतर्गत , जो भी समुचित हो, निकालने की शक्ति होगी।
  • बंदी प्रत्यक्षीकरण(Habeas Corpus)
    बंदी को मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत करना
  • परमादेश(Mandamus)
    कार्यपालिका को अपने संवैधानिक कर्तव्व्य याद दिलाना हो
  • प्रतिषेध(Prohibition)
    सुप्रीम कोर्ट द्वारा निचली अदालतों को जारी जब सम्बंधित न्यायालय मुकदमो की सुनवाई में सक्षम न हो या न्यायालय पर संदेह हो तो मुकदमो की सुनवाई तत्काल रोक दी  जाती है
  • अधिकार-पृच्छा(Quo Warranto) –
    गैर क़ानूनी ढंग से पद के दुरूपयोग पर कार्यपालिका को जारी
  • उत्प्रेषण रिट
    सुप्रीम कोर्ट द्वारा निचली अदालतों को जारी जब सम्बंधित न्यायालय मुकदमो की सुनवाई में सक्षम न हो  या कोई कठिन विषय सार्वित हो |
34. मार्शल लॉ : मार्शल ला के तहत किसी स्थान, क्षेत्र का शासन सेना को सौप दिया जाता है . भारत में पूरे देश में मार्शल लॉ का कोई प्राबधान नहीं है 1958 में आर्म्ड फाॅर्स स्पेशल पॉवर एक्ट ( अप्स्पा) लागु किया गया . इसे के तहत किसी क्षेत्र में सेना का शासन लगाया जा सकता है

Comments

Popular posts from this blog

भारत के प्रमुख बांध एवं नदी परियोजनाएँ

भारत के प्रमुख बांध एवं नदी परियोजनाएँ इडुक्की परियोजना (Idukki Dam) – पेरियार नदी (Periyar River) – केरल (Kerala) उकाई परियोजना (Ukai Project) – ताप्ती नदी (Tapi river) – गुुजरात (Gujarat) काकड़ापारा परियोजना (Kakrapar project) – ताप्ती नदी (Tapi river) – गुुजरात (Gujarat) कोलडैम परियोजना (Koldam project) – सतलुज नदी – (Sutlej River) – हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) गंगासागर परियोजना (Ganga Sagar project) – चम्बल नदी (Chambal River) – मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) जवाहर सागर परियोजना (Jawahar Sagar Project) – चम्बल नदी (Chambal River) – राजस्थान (Rajasthan) जायकवाड़ी परियोजना (Jayakwadi project ) – गोदावरी नदी (Godavari river) – महाराष्ट्र (Maharashtra) टिहरी बाँध परियोजना (Tehri Dam Project) – भागीरथी नदी (Bhagirathi River) – उत्तराखण्ड (Uttarakhand) तिलैया परियोजना (Tilaiya Project) – बराकर नदी (Barakar River) – झारखंड (Jharkhand) तुलबुल परियोजना (Tulbul Project) – झेलम नदी (Jhelum River) – जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) दुर्गापुर बैराज परियोजना (Durgapur Barrage Pro...

परमवीर चक्र के बारे में संक्षिप्त जानकारी।

परमवीर चक्र के  बारे में संक्षिप्त जानकारी। परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। यह सेना के जवानों को उनकी बहादुरी के लिए दिया जाता है। इस सम्मान की शुरुआत 26 जनवरी 1950 में हुई थी। अब तक 21 सैनिकों को इससे सम्मानित किया गया है। – सबसे ज्यादा सेना के 20 और एयरफ़ोर्स के एक जवान को ये अवॉर्ड मिला है। – अभी तक नेवी के किसी जवान को यह अवॉर्ड नहीं मिला है। – परमवीर चक्र पाने वाले सैनिकों या उनके परिजनों को 10 हजार रुपए महीने का अलाउंस भी दिया जाता है। – परमवीर चक्र को सावित्री बाई खालोनकर ने डिजाइन किया था। उनकी मां हंगरी की, जबकि पिता रशियन थे। – उनकी शादी मेजर जनरल विक्रम खालोनकर से हुई थी। -सोमनाथ शर्मा को मरणोपरांत पहला परमवीर चक्र का सम्मान मिला। पदक का प्रावधान स्वतंत्र भारत में पराक्रमी वीरों को युद्ध भूमि में दिखाये गये शौर्य के लिए अनेक प्रतीक सम्मान पुरस्कारों का चलन शुरू हुआ। 15 अगस्त 1947 से वर्ष 1950 तक भारत अपना संविधान रचने में व्यस्त रहा। 26 जनवरी 1950 को जो विधान लागू हुआ, उसे 1947 से प्रभावी माना गया। वह इसलिए जिससे 1947-48 में हुए भारत-पाक युद्ध के वीरों क...

भाग 5 संघ , Part 5 THE UNION

भाग 5 संघ , Part 5 THE UNION more at  Back to INDEX Page   |  भारत के राष्ट्रपति ( Presidents of India ) राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति वास्ताव् में संवैधानिक प्रमुख होता है, यह एक शक्ति के पद की तुलना में , सम्मान का पद है | राष्ट्रपति इकलौता ऐसा पद है जो सैन्य के तीनो अंगो का प्रमुख तथा विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका से सम्बध्ध्ह है |भारत में अब तक सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी (64 वर्ष) | राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में 50सदस्यों से अनुमोदन होना चाहिए | 1967 में सर्वाधिक 17 प्रत्याशी थे राष्ट्रपति पद के लिए | राष्ट्रपति चुनाव में जमानत राशी 1500 रूपए है | राष्ट्रपति निर्वाचन से सम्बंधित सभी वाद सर्वोच्च न्यायालय से ही होते है राष्ट्रपति के पद को शपथ ससर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिया जाता है | भारत में एक व्यक्ति कितनी बार राष्ट्रपति के पद चुना जा सकता है , इस बारे में कोई उल्लेख संविधान में नहीं है | USA में एक ही व्यक्ति मात्र 2 बार ही राष्ट्रपति के लिए चुना जा सकता है, सिर्फ FD रूसवेल्ट ही USA में ४ बार राष्ट्रपति...